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राजस्थान में अद्भुत खगोलीय घटना सूर्य के साथ दिखा शुक्र ग्रह


जयपुर, 17 जून । जयपुर के आसमान में बुधवार को अद्भुत खगोलीय घटना के तहत सुबह और शाम का तारा बनकर नजर आने वाला शुक्र ग्रह दिनभर सूर्यदेव के साथ नजर आया। 21 जून को होने वाले वलयाकार सूर्यग्रहण के अवलोकन की तैयारी के लिए कुछ वैज्ञानिक उपकरणों का परीक्षण करते समय बिड़ला तारामंडल के सहायक निदेशक संदीप भट्टाचार्य ने इसे स्पॉट किया।

उन्होंने बताया कि बुधवार दोपहर 2 बजे सूर्य के बगल में कोरी आंखों से शुक्र ग्रह को देखकर उन्हें रोमांच महसूस हुआ। खगोल पिण्डों के अध्ययन व तारामंडल में लंबे समय तक काम करने के दौरान यह पहला अवसर था जब उन्होंने कोरी आंखों से शुक्र ग्रह देखा। शुक्र ग्रह सौरमंडल में सूरज की ओर से बुध के बाद दूसरा ग्रह है। उन्होंने बताया कि वलयाकार सूर्यग्रहण के लिए वे बुधवार दिन में वातावरण की पारदर्शिता व मेघ आवरण के बारे में जानकारी जुटा रहे थे। इसी दौरान उन्हें सूर्य के पश्चिम में शुक्र ग्रह नजर आया। आमतौर पर हिमालय से ही आसमान साफ होने पर शुक्र ग्रह को दिन में देखा जा सकता है।

उन्होंने बताया कि इस समय सूर्य आद्र नक्षत्र की तरफ बढ़ रहा है। आद्र का अर्थ गीला होता है। पौराणिक ग्रंथों में लिखा है कि जब सूर्य आद्र नक्षत्र में पहुंचता है तो बारिश होती है। शुक्र ग्रह सूर्य के बगल में रोहिणी नक्षत्र के करीब है। शुक्र ग्रह को यूनानी सुंदरता की देवी वीनस का नाम दिया गया है। यह सूरज और चांद के बाद सबसे चमकदार पिण्ड है। कभी सुबह और कभी शाम को सूर्य के उदय व अस्त होने के साथ नजर आने की वजह से इसे सुबह और शाम का तारा भी कहा जाता है। वास्तव में यह एक ग्रह हैं, जो सूरज की रोशनी से चमकता है। आकार में समानता होने के कारण इसे पृथ्वी का सिस्टर प्लेनेट भी कहा जाता है।

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