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राजस्थान का सियासी दंगल अब भाजपा विधायक ने खोला मोर्चा

बीजेपी चाल चरित्र और नैतिकता वाली पार्टी

हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए सरकार गिराने की साजिश ठीक नहीं


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पिछले कुछ दिनों से राजस्थान में राजनीतिक उठापटक को लेकर कुछ न कुछ खबरें आ ही रही हैं. अब तक कांग्रेस के अंदर फूट की बात कही जा रही थी. लेकिन अब पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी विधायक कैलाश मेघवाल ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.


कैलाश मेघवाल ने कहा है कि चुनी हुई सरकार को खरीद फरोख्त कर गिराने की साजिश करना बिल्कुल गलत है. बीजेपी चाल चरित्र और नैतिकता वाली पार्टी है ऐसे में हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए सरकार गिराने की हो रही साजिश को मैं सही नहीं मानता हूं.


कैलाश मेघवाल बीजेपी के वरिष्ठ विधायक हैं और राजस्थान के मौजूदा सियासी उठापटक में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के साथ हैं. उन्होंने इस बारे में एक खत भी लिखा है. इसमें कहा गया है- जिस प्रकार का माहौल सरकार गिराने को लेकर पिछले दो महीने से बना हुआ है, हॉर्स ट्रेडिंग हो रही है, आरोप-प्रत्यारोप लग रहे हैं, वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है.


मेघवाल ने आगे लिखा, राजस्थान में आजादी के बाद सरकारें कई बार बदलीं और विधानसभा के अंदर भी पक्ष-विपक्ष के बीच जमकर बहस भी हुईं. स्वर्गीय मोहनलाल सुखाडिया, स्व. भैरो सिंह शेखावत से लेकर अशोक गहलोत हों या वसुंधरा राजे, इन सभी के समय बहस हुई हैं. परंतु सत्ताधारी पार्टियों ने विपक्षी पार्टियों से मिलकर सरकार गिराने के षडयंत्र जो आज हो रहे हैं, ऐसा कभी नहीं हुआ.


भंवरलाल शर्मा जो अभी कांग्रेस के विधायक हैं, ये पहले भैरोसिंह शेखावत जी के साथ मंत्री भी रहे हैं. इन्होंने पार्टी में रहकर और बाहर से विधायकों की खरीद फरोख्त कर कई बार खुद की बीजेपी सरकार को गिराने की कोशिश की थी. ये सबको पता है. इनके वक्त में धनराशि भी बांटी गई थी. विधायकों ने खुद भैरो सिंह को पैसे सुपुर्द कर इस बात की जानकारी दी थी. उस वक्त भी भंवर लाल शर्मा अपने कारनामों की वजह से खूब चर्चा में रहे थे.


मेघवाल ने आगे लिखा कि राजस्थान की महान पंरपरा रही है. इन नेताओं को कोई अधिकार नहीं है कि सरकार गिराने के कामों मे चाहे कोई राजनीतिक पार्टी हो, वो इस प्रकार का कुकृत्य करने का षडयंत्र करें.


कैलाश मेघवाल ने हाल ही में सचिन पायलट पर हमला बोलते हुए कहा था कि उन्हें एक जिम्मेदार राजनेता की तरह आचरण करना चाहिए और राजनीतिक महत्वाकांक्षा में बेसिर पैर की बात नहीं करनी चाहिए.


बीजेपी विधायक के इस पत्र के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अब उनके बयान को आधार बनाकर भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर हो गए हैं.

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