सचिन पायलट सरकार गिराने के लिए किस्तों की डील कर रहे थे, मेरे पास प्रूफ हैं: गहलोत
- Rajesh Jain
- Jul 15, 2020
- 4 min read

जयपुर, 15 जुलाई । राजस्थान के सियासी संग्राम में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हमारे विधायकों को पैसे के लालच दिए जा रहे हैं. लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश की जा रही है. 30 करोड़ रुपये का ऑफर दिया जा रहा है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हमारे डिप्टी सीएम सचिन पायलट खुद राजस्थान सरकार गिराने की डील कर रहे थे. हमारे विधायकों को पैसे के लालच दिए जा रहे हैं. मेरे पास सबूत है.
सचिन पायलट पर हमला बोलते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि पहले भी हमें अपने विधायकों को 10 दिन तक होटल में रखना पड़ा. अगर उस वक्त हम नहीं रखते तो आज जो मानेसर वाला खेल हुआ है, वो उस समय होने वाला था. रात के दो बजे लोगों को भेजा रहा था. खुद षड्यंत्र में शामिल नेता सफाई दे रहे थे.
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हमारे डिप्टी सीएम हो या पीसीसी चीफ, उनसे जब खरीद-फरोख्त की जानकारी मांगी गई तो सफाई दे रहे हैं. वह खुद षड्यंत्र में शामिल थे. दिल्ली में बैठे लोगों ने सरकार गिराने की साजिश रची. लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश हो रही है. कर्नाटक और मध्य प्रदेश की तरह साजिश हो रही है.
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि आज सीबीआई, इनकम टैक्स, ईडी का दुरुपयोग किया जा रहा है. हम तो तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं. 40 साल की राजनीति हो गई. हम तो नई पीढ़ी को तैयार करते हैं. आने वाला कल उनका है. हमारी बहुत रगड़ाई हुई थी. 40 सालों तक जिन्होंने संघर्ष किया, वो आज मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और पार्टी के शीर्ष पर हैं.
सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि लोग कहते हैं हम नई पीढ़ी को पसंद नहीं करते हैं. राहुल गांधी, सोनिया गांधी और खुद अशोक गहलोत उन्हें पसंद करता है. गवाह है कि जब भी मीटिंग होती है तो मैं युवाओं और एनएसयूआई के लिए लड़ाई लड़ता हूं. इनकी रगड़ाई नहीं हुई थी, इसलिए यह समझ नहीं पा रहे हैं.
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि इनकी बिना रगड़ाई हुए केंद्रीय मंत्री और पीसीसी चीफ बन गए. अगर रगड़ाई हुई होती तो आज और अच्छा काम करते. आज हमसे अच्छा काम ये कर सकते हैं. अगर ये खुद ही हॉर्स ट्रेडिंग को पसंद करेंगे और उसका हिस्सा बनेंगे तो देश को बर्बाद करेंगे.
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि अच्छा हिंदी-इंग्लिश बोलना, अच्छा बयान देना ही सबकुछ नहीं होता है, आपके दिल में क्या है देश के लिए, आपका कमिटमेंट क्या है. पार्टी की नीति, विचारधारा के प्रति आपके कमिटमेंट को देखा जाता है. सोने की छुरी प्लेट में खाने के लिए नहीं होती है.

अशोक गहलोत के ये आरोप काफी गंभीर माने जा रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि अबतक सचिन पायलट की तरफ से ये कहा जा रहा है कि उन्होंने पांच साल मेहनत की थी और सीएम पद पर कब्जा अशोक गहलोत ने जमा लिया. सचिन पायलट की मेहनत की हर तरफ तारीफ भी हो रही है, ऐसे में वो लगातार एक विक्टिम के तौर पर भी खुद को पेश करते रहे हैं.
बुधवार सुबह दिए गए इंटरव्यू में भी सचिन पायलट ने ऐसे ही बात कही हैं. उन्होंने कहा कि मैं अशोक गहलोत से नाराज नहीं हूं लेकिन मुझे कुछ काम ही नहीं करने दिया जाता, मेरे पास फाइलें नहीं आने दी जाती.
इसके अलावा पायलट ने ये भी कहा कि मैंने राहुल गांधी के कहने पर अशोक गहलोत को सीएम स्वीकार किया, राहुल जी ने सत्ता की बराबर भागीदारी का निर्देश गहलोत को दिया था, लेकिन हमें साइड लाइन किया गया. पायलट ने सीएम पद पर अपनी दावेदारी के पीछे तर्क दिया कि उन्होंने पार्टी को बहुत नीचे से उठाकर सत्ता तक पहुंचाया, लेकिन सरकार बनते ही उन्हें कॉर्नर कर दिया गया.
इस तरह सचिन पायलट लगातार विक्टिम के रूप में खुद को पेश कर रहे हैं और दोनों पद छीने जाने के बाद भी ये कह रहे हैं कि वो कांग्रेस में हैं. कांग्रेस की तरफ से अब भी उन्हें वापस आने का न्योता दिया गया है. राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा है कि सचिन पायलट के लिए अब भी दरवाजे खुले हैं.
लेकिन बुधवार दोपहर अशोक गहलोत जब मीडिया के सामने आए तो उन्होंने बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ ही सचिन पायलट पर सीधा अटैक किया. गहलोत ने कहा कि दिल्ली में बैठे लोग सरकार गिराने की साजिश कर रहे हैं और लोकतंत्र के साथ हो रहे इस खिलवाड़ में सचिन पायलट खुद शामिल हैं. अशोक गहलोत ने कहा कि सचिन पायलट खुद विधायकों की खरीद-फरोख्त करा रहे थे.
अशोक गहलोत के इस गंभीर आरोप को सचिन पायलट के डोर क्लोज की घोषणा के रूप में भी देखा जा रहा है. दूसरी तरफ अब तक सचिन पायलट अपनी मेहनत के आधार पर सीएम पद जो हक जता रहे थे, उसे भी इस बात से झटका लगेगा कि अपनी ही पार्टी की सरकार गिराने की कोशिश जिस नेता की तरफ से की गई हो उसकी महत्वकांक्षा पार्टी के भविष्य से भी ज्यादा है. गहलोत के आरोपों का संदेश न सिर्फ पार्टी के भीतर जाएगा, बल्कि जनता तक भी ये मैसेज पहुंच जाएगा कि पायलट सीएम कुर्सी की चाह में गलत रास्ते पर चले गए.























































































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