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बागी विधायकों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया


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राजस्थान में राजनीतिक उठापटक का दौर जारी है। इस बीच खबर है कि कांग्रेस ने स्पीकर के जरिए सचिन पायलट समेत जिन विधायकों को नोटिस जारी कराया था, उन्होंने अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बताया गया है कि इस मामले में दोपहर 3 बजे सुनवाई होगी। बता दें कि नोटिस का जवाब दाखिल करने के दबाव के चलते अब तक कई विधायक सरकार के खिलाफ बगावती सुर बुलंद कर चुके हैं।


एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य में अपनी स्थिति और मजबूत करने के लिए सचिन पायलट की सदस्यता तक पर खतरे के संकेत दे चुके हैं। गहलोत ने एक दिन पहले ही पायलट पर निशाना भी साधा था। हालांकि, रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि राहुल गांधी के हस्तक्षेप के बाद कांग्रेस में पायलट को एक और मौका देने की बात चल रही है। राहुल चाहते हैं कि सचिन पार्टी में बने रहें और इसीलिए उन्होंने पायलट को मनाने का जिम्मा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को सौंपा है। बताया गया है कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत जारी है।


हालांकि कांग्रेस नेताओं की ओर से पायलट पर निशाना साधा जाना जारी है। कपिल सिब्बल ने गुरुवार को पायलट को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि अगर सचिन पायलट भाजपा नहीं जॉइन कर रहे, तो मुझे लगता है कि हरियाणा के मानेसर के एक होटल में भाजपा की निगरानी में रखे गए उनके विधायक महज छुट्टियां मना रहे हैं। सिब्बल ने पूछा कि पायलट का 'घर वापसी' का क्या इरादा है।


इस बीच सूत्रों की ओर से कहा जा रहा है कि सीएम गहलोत बागियों को मनाने और सरकार बचाने के लिए मंत्रीमंडल विस्तार कर सकते हैं। राजस्थान सरकार में अब तक 25 मंत्री रहे हैं, पर 3 मंत्रियों के हटने के बाद मौजूदा समय में 22 मंत्रीपद भरे हैं। गहलोत अब मंत्रियों की संख्या बढ़ाकर 30 कर सकते हैं।


इन सबके बीच भाजपा शांति से पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है। दरअसल, गहलोत और पायलट के बीच मतभेद अब खुल कर बाहर आ रहे हैं। एक दिन पहले ही गहलोत ने पायलट पर सीधे वार करते हुए कहा था कि वे उनकी सरकार को गिराने की भाजपा की साजिश में शामिल थे। गहलोत ने विधायकों की खरीद-फरोख्त के सबूत होने तक की बात कह दी थी।



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