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हमने बहुत कोशिश की रूठों को मनाने की- गहलोत


पायलट और कुछ विधायक भाजपा के हाथों में खेल रहे हैं : गहलोत

पायलट और कुछ विधायक भाजपा के हाथों में खेल रहे हैं : गहलोत

जयपुर, 14 जुलाई । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी धनबल के सहारे राजस्थान की चुनी हुई सरकार को तोडऩे का षड्यंत्र रच रही थी, लेकिन राजस्थान की 8 करोड़ जनता उनके नापाक इरादों को कामयाब नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि गतिरोध दूर करने के लिए हर स्तर पर सचिन पायलट और समर्थित विधायकों को मनाने की कोशिश की गई, लेकिन भाजपा की शह पर उन्होंने अपने इरादे साफ कर दिए। गहलोत राजभवन में राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात के बाद सोमवार दोपहर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। सचिन पायलट को लेकर उन्होंने कहा कि हमने सोमवार को एक बैठक की, वो नहीं आए। एक दूसरा मौका दिया बैठक कर उन्हें बुलाने का, लेकिन वो नहीं आए। वो और कुछ विधायक भाजपा के हाथों में खेल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी राजस्थान की चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए लगातार षडयंत्र कर रही थी। हमने इसे समझते हुए कई बार आगाह किया। यह षडयंत्र 6 महीने से चल रहा था। इसके जाल में फंसकर हमारे कुछ साथी गुमराह होकर दिल्ली चले गए। भाजपा का शीर्ष नेतृत्व कर्नाटक और मध्य प्रदेश की तर्ज पर राजस्थान में सरकार तोडऩे का खुला खेल खेलना चाह रहे थे। हार्स ट्रेडिंग हो रही थी। उन्होंने केन्द्र पर निशाना साधते हुए कहा कि पहली बार ऐसी सरकार आई, जो धनबल के आधार पर देश तोडऩा चाहती है। चुनावों में जनता ने जो फैसला दिया, वो अब तक शिरोधार्य होता आया है, लेकिन अब चुनी हुई सरकारें तोडऩे का खेल रचा जा रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि रिजॉर्ट, जमीन और मैनेजमेंट करने वाले सभी भाजपा के हैं। जिन्होंने मध्य प्रदेश में मैनेजमेंट किया सरकार गिराने में, वहीं लोग राजस्थान में जुटे हैं।

हमने कोरोना महामारी से लडऩे में कोई कसर नहीं रखी। सभी दल, सभी लोग हमारे साथ थे। हमने मिल-जुलकर कोरोना से लड़ाई लड़ी। ऐसे मुश्किल वक्त में सरकार गिराने की साजिश रची गई। गुजरे 6 महीनों से आम जनता की भावनाओं को समझने के बावजूद रोजाना विरोधाभासी ट्वीट किए गए, बयान दिए गए।

गहलोत ने कहा कि सरकार ने कामकाज में कोई भेदभाव नहीं किया। इसके बावजूद विकास कार्यों का बहाना बनाकर राजस्थान छोडक़र चले गए। हमने बहुत कोशिश की रूठों को मनाने की, लेकिन वे नहीं माने। ब्लैकमेल करने की कोशिश की गई। फ्लोर टेस्ट की बातें हो रही हैं, लेकिन वे यह तो देखें कि उनके साथ कांग्रेस के कितने लोग हैं।

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