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राजस्थान का रण: राजस्थान पुलिस मानेसर से बेरंग लोटी


राजस्थान का सियासी घमासान शांत होते नजर नहीं आ रहा है. कथित ऑडियो टेप मामले में मानेसर के रिजॉर्ट में रुके विधायकों (पायलट खेमा) से पूछताछ के लिए पहुंची एसओजी टीम वापस लौट आई है. एसओजी टीम को रिजॉर्ट के अंदर जाने नहीं दिया गया. रिजॉर्ट प्रबंधन ने रात का हवाला देते हुए सुबह आने के लिए कहा है.

इससे पहले राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की टीम शुक्रवार शाम मानेसर पहुंची थी. इस दौरान भी टीम को सीधे अंदर जाने नहीं दिया गया था. करीब डेढ़ घंटे के इंतजार के बाद एसओजी टीम को होटल में एंट्री की परमिशन दी गई थी. हालांकि वहां एसओजी टीम को कांग्रेस के विधायक भंवरलाल शर्मा नहीं मिले तो टीम वापस लौट आई.


बता दें, जो ऑडियो टेप वायरल हुआ है वो विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़ा है. इसे देखते हुए गहलोत सरकार ने केस दर्ज कराया है. इस मामले में सीएम गहलोत का कहना था कि विरोधी उनकी सरकार को गिराने के लिए डील कर रहे थे. इसी मामले में शनिवार को संजय जैन को कोर्ट में पेश किया गया था, जहां बाद में कोर्ट ने उसे रिमांड पर भेज दिया.


विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े तीन ऑडियो क्लिप सामने आए हैं. इन ऑडियो क्लिप में संजय जैन नाम के एक शख्स की आवाज होने का दावा भी किया जा रहा है. एसओजी ने संजय जैन को गिरफ्तार किया था.


इधर, सचिन पायलट गुट की ओर से दायर की गई याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है. राजस्थान हाईकोर्ट ने 21 जुलाई तक नोटिस पर रोक लगा दी है. इस मामले में अब अगली सुनवाई सोमवार को होगी.


याचिका में कहा गया है कि विधानसभा स्पीकर का नोटिस वैध नहीं है क्योंकि अभी कोई सत्र नहीं चल रहा है. साथ ही इस नोटिस का जवाब देने के लिए वक्त की मांंग भी की गई है. 21 जुलाई तक सचिन पायलट और अन्य 18 विधायकों के खिलाफ स्पीकर कोई करवाई नहीं कर सकेंगे.

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