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भारत चीन युद्ध की वजह से रतन टाटा शादी नहीं कर पाए, जानिए उन्ही की जुबानी


सीमा पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच दोनों देशों में कारोबार से लेकर कूटनीति तक बहुत कुछ बदला हुआ दिख रहा है। यही हाल 1962 के युद्ध के दौरान हुआ था। अचानक से सब कुछ बदल गया था और हिंदी चीनी भाई-भाई का नारा हिंदी चीनी बाय-बाय में बदल गया था। इसी दौरान देश के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा की शादी भी होते-होते रह गई थी। खुद रतन टाटा ने पिछले दिनों एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया था कि कैसे भारत और चीन के बीच युद्ध के चलते उनकी शादी नहीं हो पाई थी। एक इंटरव्यू में रतन टाटा ने बताया था कि वह उस दौर में अमेरिका के लॉस एंजिल्स में थे और एक चीनी युवती के साथ रिलेशनशिप में थे। दोनों शादी का मन बना चुके थे, लेकिन ऐसा हो न सका।


रतन टाटा बताते हैं, 'मैं लॉस एंजिल्स में था और प्यार में था। हमारी शादी लगभग तय हो चुकी थी। उसी दौरान मैंने कुछ वक्त के लिए भारत आने का फैसला लिया ताकि अपनी बीमार दादी की देखभाल कर सकूं। वे बीते साल से बीमार थीं। मैंने सोचा था कि जिससे मैं शादी करना चाहता हूं वह भी मेरे साथ भारत आएगी। लेकिन चीन और भारत के बीच 1962 का युद्ध होने के चलते उसके परिजनों ने उसे भारत भेजने से इनकार कर दिया। इसी के साथ हमारा रिलेशनशिप समाप्त हो गई।'


यही नहीं रतन टाटा ने अपने बचपन के बारे में भी बताते हुए कहा था कि वह दौर बहुत अच्छा था। उन्होंने कहा कि परिजनों के बीच तलाक के चलते वह और उनके भाई थोड़ा परेशान रहते थे। यहां तक कि स्कूल में बच्चे इस मसले के कारण रैगिंग भी करते थे। रतन टाटा ने कहा था कि मेरी मां ने दोबारा शादी कर ली थी, जिसके चलते स्कूल में बच्चे कुछ भी कहते रहते थे। लेकिन मेरी दादी ने सिखाया कि किसी भी कीमत पर अपने सम्मान को बचाए रखना चाहिए।


अपने पिता के साथ संबंधों को लेकर रतन टाटा ने कहा था कि उनकी और मेरी पसंद अकसर विपरीत रहती थी। मैं वॉयलन बजाता था तो वे पियानो बजाने को कहते थे। मैं कॉलेज की पढ़ाई के लिए अमेरिका जाना चाहता था तो उनकी राय थी कि ब्रिटेन जाऊं। मैं आर्किटेक्ट बनना चाहता था तो मेरे पिता इंजीनियर बनाना चाहते थे। रतन टाटा कहते हैं कि अपनी दादी के चलते ही वह अमेरिका जा पाए, जिन्होंने उनका समर्थन किया था।


साभार जनसत्ता


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