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आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम / पैरामिलिट्री फोर्स ने एक हजार विदेशी उत्पादों पर पाबंदी लगाई


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पैरामिलिट्री फोर्सेज में करीब 10 लाख जवान हैं। इनके परिवार के सदस्यों को मिलाकर यह संख्या 50 लाख हो जाती है। ये हर साल करोड़ों की खरीदारी केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार से करते हैं। -फाइल फोटो

  • केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार ने एक जून से केवल स्वदेशी उत्पादों की बिक्री करने का फैसला लिया है

  • पीएम मोदी की अपील पर गृह मंत्रालय ने जारी किया था आदेश, सेना में भी विदेशी सामानों का इस्तेमाल कम किया जा रहा

नई दिल्ली. देश की पैरामिलिट्री फोर्स ने आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है। पहले चरण में सुरक्षाबल ने एक हजार विदेशी उत्पादों के इस्तेमाल पर रोक लगाई है। केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार की सीएसडी कैंटीन में भी अब विदेशी सामानों की बिक्री नहीं होगी। फिर वह माइक्रोवेव हो या जूते, कपड़े हों या टूथ पेस्ट। फोर्स ने एक हजार विदेशी प्रोडक्ट्स पर पाबंदी लगाई है। यह नया नियम एक जून से लागू हो गया है। 


मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया था प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया था। देशवासियों से अपील की थी कि वे स्वदेशी उत्पादों का इस्तेमाल करें, उसे बढ़ावा दें। इसके बाद गृह मंत्रालय ने अपने अधीन आने वाले विभागों और सशस्त्र बलों में स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने का फैसला लिया था। सेना भी इसी राह पर है। आर्मी प्रमुख ने पिछले दिनों कहा था कि वह कई विदेशी उत्पादों को सेना से बाहर कर रहे हैं। 


पैरामिलिट्री ने इन उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया फुटवियर, स्केचर, रेड बुल ड्रिंक, इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, कपड़े, टूथ पेस्ट, हैवेल्स के प्रोडक्ट्स, हॉरलिक्स, शैंपू, बैग समेत कई विदेशी उत्पादों पर रोक लगाई गई है। अब इनकी जगह केवल स्वदेशी चीजें इस्तेमाल में लाई जाएंगी। जवानों से भी अपील किया गया है कि वे विदेशी सामान का पूरी तरह बहिष्कार करें। 


10 लाख जवान, 50 लाख परिजन करते हैं प्रोडक्ट्स का इस्तमाल पैरामिलिट्री फोर्स में सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी, एनएसजी, असम राइफल्स के करीब दस लाख से ज्यादा जवान हैं। इनके परिवार के सदस्यों को मिला लें तो 50 लाख से ज्यादा लोग सेंट्रल पुलिस कैंटीन से खरीदारी करते हैं। अब ये लोग स्वदेशी उत्पादों की खरीदारी करेंगे। गृह मंत्रालय ने इसके लिए तीन कैटेगरी बनाई है। सबसे ज्यादा प्राथमिकता उन प्रोडक्टस को दी जाएगी, जो पूरी तरह से भारत में तैयार हुए हैं और भारतीय कंपनी के होंगे। दूसरी कैटेगरी में उन्हें शामिल किया गया है, जिनका कच्चा माल आयात होता हैं, लेकिन उत्पादन भारत में होता है। इन दोनों कैटेगरी के उत्पादों की बिक्री की मंजूरी है। तीसरी कैटैगरी में पूरी तरह से विदेशी उत्पाद को रखा गया है, जिस पर पाबंदी लगाई गई है। 

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