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केंद्र का सख्त कदम / तब्लीगी जमात से जुड़े 2550 विदेशियों के 10 साल तक भारत आने पर रोक


यह तस्वीर निजामुद्दीन स्थित मरकज की है। 1 से 15 मार्च तक यहां एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 5 हजार से ज्यादा देश-विदेश के जमाती जमा हुए थे। दिल्ली पुलिस ने इन्हें जबरन निकाला था और क्वारैंटाइन किया था।

  • दिल्ली हिंसा मामले में पुलिस ने नई चार्जशीट पेश की थी, इसमें हिंसा के तार तब्लीगी जमात और देवबंद से जुड़े बताए गए

  • इस चार्जशीट में आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को दंगा भड़काने का मास्टमाइंड बताया गया, उसके भाई समेत 15 आरोपी बनाए गए

नई दिल्ली. तब्लीगी जमात की गतिविधियों में शामिल 2550 विदेशियों के भारत आने पर 10 साल तक सरकार ने रोक लगा दी है। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से गुरुवार को यह जानकारी दी। इससे पहले उत्तरी दिल्ली में इसी साल 24 फरवरी को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने नई चार्जशीट पेश की थी। इसमें कहा गया था कि हिंसा के तार तब्लीगी जमात और यूपी के दारुल उलूम देवबंद से जुड़े हैं।

ऐसा कहा जा रहा है कि इन नागरिकों ने वीजा नियमों का उल्लंघन किया। इसलिए प्रतिबंध लगाया गया। इन विदेशी जमातियों की संख्या बढ़ सकती है। ये नागरिक माली, नाइजीरिया, श्रीलंका, केन्या, तंजानिया, दक्षिण, अफ्रीका, म्यांमार, थाईलैंड, बांग्लादेश, यूके, ऑस्ट्रेलिया और नेपाल से हैं।


पुलिस ने हिंसा मामले में दो नई चार्जशीट दाखिल कीं 24 फरवरी को पूर्वी दिल्ली में सीएए और एनआरसी के विरोध में हिंसा हुई थी। पहला केस चांद बाग हिंसा और दूसरा मामला जाफराबाद दंगे से जुड़ा है। पुलिस ने चांद बाग हिंसा मामले में आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को दंगों का मास्टरमाइंड बताया है। पुलिस ने कड़कड़डूमा कोर्ट में दो चार्जशीट दाखिल की थीं।

ताहिर के अलावा उनके भाई शाह आलम समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया है। चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि हिंसा के वक्त ताहिर हुसैन अपने घऱ की छत पर था और उसने ही हिंसा भड़काने का काम किया था।  


राजधानी स्कूल का मालिक फैसल भी आरोपी, हिंसा से पहले देवबंद गया था

  • उत्तर-पूर्वी दिल्ली के शिव विहार में राजधानी स्कूल के पास भड़की हिंसा के मामले में पुलिस ने जो चार्जशीट दाखिल की है। उसमें राजधानी स्कूल के मालिक फैसल फारुक को आरोपी बनाया गया है। चार्जशीट में कहा गया कि हिंसा के मामलों से पहले उत्तर प्रदेश के दारुल उलूम देवबंद गया था। उसके निजामुद्दीन मरकज से भी ताल्लुकात हैं।

  • न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा- फैसल की कॉल डिटेल देखने के बाद पता लगा है कि उसके पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया, पिंजरातोड़ ग्रुप, जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी, निजामुद्दीन मरकज और अन्य मुस्लिम संगठनों से संबंध हैं। हिंसा की साजिश में भी फैसल का हाथ है। शिव विहार कॉलोनी में हुई हिंसा से पहले फैसल 23 फरवरी को देवबंद गया था। उसने ही हिंसा भड़काने की साजिश रची थी। 

मरकज इस्लामी शिक्षा का दुनिया में सबसे बड़ा केंद्र  निजामुद्दीन का यह मरकज इस्लामी शिक्षा का दुनिया में सबसे बड़ा केंद्र है। यहां कई देशों के लोग आते रहते हैं। यहां तब्लीगी जमात के मरकज में 1 से 15 मार्च तक 5 हजार से ज्यादा लोग आए थे। इनमें इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड के लोग भी शामिल थे। 22 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा के बाद भी यहां 2 हजार लोग ठहरे हुए थे। इनमें से 300 से ज्यादा कोरोना संक्रमित मिले। इसके अलावा, जो लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में गए। वहां भी संक्रमण बढ़ा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि अप्रैल में 30% से ज्यादा संक्रमण इनकी वजह से फैला था।

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