*कोटा का बसंत विहार का एक किमी परिधि का क्षेत्र जीरो मोबिलिटी घोषित, सभी नागरिकों की होगी स्क्रीनिंग
- pradeep jain

- Mar 31, 2020
- 2 min read

कोटा. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट ओम कसेरा ने नगर निगम क्षेत्र के तीन बत्ती चौराहा बसंत विहार क्षेत्र को केन्द्र बिन्दु मानते हुए उसके चारों ओर के एक किमी क्षेत्र की परिधि को जीरो मोबिलिटी क्षेत्र घोषित किया है। जिला मजिस्ट्रेट के आदेश के अनुसार तीन बत्ती चौराहा बसंत विहार क्षेत्र में कोरोना वायरस के संक्रमण की संभावना को रोकने तथा क्षेत्र की एक किमी परिधि में नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा, मानव जीवन और लोक शांति को बनाए रखने के लिए धारा 144 के तहत एक किमी परिधि क्षेत्र को 31 मार्च से 3 अप्रेल सुबह 10 बजे तक जीरो मोबिलिटी क्षेत्र घोषित किया गया है।
इस क्षेत्र में आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। आदेशों की अवहेलना करने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188, 269 270 तथा राजस्थान डिजिज एक्ट के तहत कार्यवाही कि जाएगी।
*जीरो मोबेलिटी क्षेत्र में लगाई विशेष टीम*
जिला कलक्टर ओम कसेरा ने बताया कि तीन बत्ती चौराहा बसंत विहार क्षेत्र में कोरोना वायरस का संदिग्ध नागरिक मिलने पर सोमवार को उसकी स्क्रीनिंग में पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी। जिसकी मंगलवार को कन्फर्मेशन टेस्ट में रिपोर्ट निगेटिव आई है। ऐतिहात के तौर पर उसके निवास क्षेत्र में जीरो मॉबेलिटी क्षेत्र घोषित कर नागरिकों की स्क्रिीनिंग तथा सम्पूर्ण क्षेत्र को सेनेटाइज कराया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि बसंत विहार निवासी 65 वर्षीय नागरिक 30 मार्च को एमबीएस अस्पताल में भर्ती हुआ था जिसकी स्क्रिीनिंग की गई जिसमें रिपोर्ट स्पष्ट नहीं आने पर कनफर्मेशन टेस्ट कराया गया। जिसकी रिपोर्ट निगटिव आई है। उन्होंने बताया कि संदिग्ध नागरिक 13 मार्च को जयुपर गया था तथा 16 मार्च को कोटा आया था। इस दौरान उसके साथ ट्रेन में यात्रा करने वाले नागरिक, उसके स्थानीय स्तर पर सम्पर्क में आए सभी नागरिक, दूध वाला, सब्जी वाला सबको चिन्हित कर ऐतिहातन होम कॉरेंटाइन में रहने के लिए पाबन्द किया है। उन्होंने बताया कि संबंधित नागरिक के परिजन जयपुर रहते हैं उसकी सूचना जयपुर प्रशासन को दे दी गई है। उसके साथ कोटा में रह रहे बेटे के नमूने की जांच निगेटिव आई है। एमबीएस से संदिग्ध मरीज को इलाज के लिए जयपुर रैफर कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि 48 घंटे में पुन: जांच के दौरान आए परिणामों के आधार पर स्थिति स्पष्ट होगी।























































































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