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कोरोना इफेक्ट अर्थव्यवस्था को होगा 120 अरब डालर का नुकसान


विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये देश भर में की गयी बंदी (लॉकडाउन) से अर्थव्यवस्था को करीब 120 अरब डॉलर (करीब नौ लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो सकता है। यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के चार प्रतिशत के बराबर है। विशेषज्ञों ने राहत पैकेज की जरूरत पर जोर देते हुए बुधवार को आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में भी कटौती की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिये तीन सप्ताह के लिये राष्ट्रव्यापी बंदी की घोषणा की है। शोध-सलाह कंपनी बार्कलेज ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिये वृद्धि दर के अनुमान में 1.7 प्रतिशत की कटौती कर इसके 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है। उसने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि राष्ट्रव्यापी बंदी की कीमत करीब 120 अरब डॉलर यानी जीडीपी के चार प्रतिशत के बराबर रह सकती है।’’

कंपनी ने कहा कि केंद्र सरकार की तीन सप्ताह की बंदी से ही 90 अरब डॉलर का नुकसान होगा। इसके अतिरिक्त महाराष्ट्र जैसे कई राज्य पहले ही बंदी कर चुके हैं, उससे भी नुकसान होगा। बार्कलेज ने यह भी कहा कि अप्रैल में रिजर्व बैंक रेपो दर में 0.65 प्रतिशत की कटौती करेगा तथा अगले एक साल में इसमें एक और प्रतिशत की कटौती की जाएगी।

घरेलू शोध-सलाह कंपनी एमके ने अन्य देशों की तुलना में शीघ्रता से कदम उठाने को लेकर सरकार को बधाई देते हुए कहा कि इससे होने वाले आर्थिक नुकसान को कम करने के लिये उपाय नहीं किये गये हैं। उसने कहा, ‘‘सरकार बंदी के आर्थिक असर को लेकर अभी तक चुप ही रही है, असर को कम करने के उपायों को तो छोड़ ही दीजिये।’’


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