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कोरोना इफेक्ट ःः भारत की जीडीपी 2 . 6 सिकुड़ने की आशंका


कोरोना वायरस संक्रमण लोगों की ही जान नहीं ले रहा बल्कि अर्थव्यवस्था को भी झकझोर रहा है। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्या कांति घोष ने फाइनेंशियल ईयर 2020-21 में देश की जीडीपी ग्रोथ के 2.6 पर्सेंट पर ही सिमट जाने का अनुमान जताया है। बीते 30 सालों में देश की जीडीपी का यह सबसे निचला स्तर होगा। इसके अलावा रेटिंग एजेंसी Crisil ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर अपने अनुमान में बड़ी कटौती की है। एजेंसी ने भारत की जीडीपी ग्रोथ के 3.5 पर्सेंट पर ही ठहर जाने का अनुमान जताया है।

इससे पहले एजेंसी ने आर्थिक ग्रोथ के 5.2 फीसदी रहने की भविष्यवाणी की थी।

एसबीआई की आर्थिक सलाहकार ने कहा कि 21 दिनों के इस लॉकडाउन से 8 लाख करोड़ रुपये तक का लॉस होगा। इसके अलावा कमाई में 1.77 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आएगी। प्रति व्यक्ति कमाई में कमी की बात की जाए तो यह भी 1.7 लाख करोड़ रुपये तक होगी। एसबीआई ने अपने अनुमान में 21 दिनों के लॉकडाउन के चलते जीडीपी में मौजूदा ग्रोथ के मुकाबले 1.7 फीसदी की गिरावट आने की आशंका जताई है। इससे पहले सिर्फ 2009 में ऐसा हुआ था, जब जीडीपी में इतनी तेजी के साथ गिरावट आई थी।

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