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कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई अब मुश्किल दौर में पहुंची

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कोरोनावायरस सारी दुनिया के लिए सिरदर्द बन हुआ है। अब तक इसका कोई असरदार इलाज या वैक्सीन नहीं है, इसलिए दुनियाभर की सरकारें इसे रोकने का एकमात्र उपलब्ध तरीका (लॉकडाउन) ही अपना रही हैं। भारत भी कोविड 19 महामारी के खिलाफ जंग में मजबूती से डटा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च की रात 12 बजे से लॉकडाउन का ऐलान किया था, जिसे अब 3 मई तक बढ़ा दिया गया है।


कोरोना के खिलाफ जंग में पीएम मोदी की ओर से लिए गए फैसलों की विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) से लेकर कई अंतरराष्ट्रीय संगठन तारीफ कर चुके हैं। माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर बिल गेट्स ने भी पीएम मोदी के फैसलों की सराहना की है। यह सही है कि भारत में कोरोनावायरस के संक्रमण की दर में कमी आई है, इसके बावजूद यह कहना किसी गलतफहमी पालने से कम नहीं है कि स्थिति हमारे नियंत्रण में आ गई है।


3 मई तक 1.5 लाख तक हो सकते हैं संक्रमित : भारत में जिस दिन लॉकडाउन लागू हुआ था, उस दिन कोरोना संक्रमित की संख्या 571 थी, जबकि 10 लोगों की जान जा चुकी थी। देश में कोरोना का पहला मामला 30 जनवरी को सामने आया था, यानी इस खतरनाक वायरस को भारत में 500 का आंकड़ा छूने में 53 दिन लगे। जबकि पिछले 10 दिनों में ही 11 हजार से ज्यादा लोगों को यह संक्रमित कर चुका है। यदि इसी गति से भी यह आंकड़ा बढ़ता रहा तो 3 मई तक यह कोरोना संक्रमितों की संख्या डेढ़ लाख तक हो सकती है।


रिकवरी दर निराशाजनक :

भारत में कोरोना से अब तक 4382 लोग रिकवर हुए हैं। यानी देश में इसके संक्रमित मरीजों की रिकवरी दर 19.9% है। यदि हम ओवरऑल बात करें तो यह करीब 10 फीसदी कम है। स्पेन से तो हम आधे भी नहीं हैं। स्पेन में रिकवरी दर 41 फीसदी से ज्यादा है। इटली में यह 27 फीसदी है, जबकि जर्मनी में 60 फीसदी है। जर्मनी ने रिकवरी दर 50 फीसदी से ज्यादा होने के बाद ही अपने यहां लॉकडाउन में छूट दी थी।


रिकवरी के मामले में भारत में मध्य प्रदेश और गुजरात की स्थिति बहुत खराब है। गुजरात में कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की संख्या सिर्फ 7.44 फीसदी है, जबकि मध्य प्रदेश में अब तक 9.58% मरीज ही ठीक हुए हैं। कमोबेश उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की स्थिति भी अच्छी नहीं है। उत्तर प्रदेश में 11.94% और महाराष्ट्र में 13.97% मरीज ही ठीक हुए हैं। आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और पंजाब में भी कोरोना के मरीजों के ठीक होने का आंकड़ा 20 फीसदी से कम है। आंध्र प्रदेश में 14.76, बंगाल में 17.32, राजस्थान में 17.78 और पंजाब में 19.06 फीसदी मरीज ही ठीक हुए हैं। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जनसंख्या के मामले में क्रमशः पहले और दूसरे नंबर पर हैं। पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश क्रमशः चौथे, 5वें और छठे नंबर पर हैं। राजस्थान और गुजरात भी टॉप 10 में शामिल हैं। यानी इन राज्यों में कोरोनावायरस के तेजी से फैलने की आशंका अभी बनी है।

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