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कोरोना से निपटने के लिए पांच हास्पिटल अधिग्रहित


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झालावाड़ 27 अप्रेल। कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण से बचाव, नियंत्रण, उपचार के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों तथा राजस्थान एपिडेमिक डिजिज एक्ट 1957 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 65 में प्रदत्त शक्तियों तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जयपुर के आदेशानुसार जिले के पांच चिकित्सालयों के भवन एवं परिसर मय स्टाफ तथा समस्त संसाधनों को तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक अधिग्रहित किया गया है तथा उपलब्ध संसाधन एवं सुविधाओं सहित मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी झालावाड़ को सुपुर्द किया गया है।  जिला कलक्टर सिद्धार्थ ने बतायाकि जिले के संजीवनी हास्पीटल पाटन रोड़ व एलएन हास्पीटल में बच्चों व प्रसव संबंधित मरीजों को भर्ती करवाया जाएगा, बालाजी हास्पीटल में ऑर्थोपेडिक के मरीज, ट्रोमा सेन्टर में दुर्घटना और फ्रैक्चर के मरीज तथा समर्पण हास्पीटल पाटन रोड़ में सर्जरी से संबंधित मरीजों को भर्ती कराया जाएगा।  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. साजिद खांन ने बतायाकि उक्त हास्पीटल का अधिग्रहण मय स्टाफ स्वीपर, लेब बॉय, वार्ड बॉय, पैरा मेडिकल स्टाफ, चिकित्सक, एम्बुलैंस मय वाहन चालक के किया गया है। हास्पीटल में उपलब्ध समस्त सुविधाएं वार्ड, ऑपरेशन थियेटर, कॉटेज वार्ड व समस्त उपकरणों के सहित अधिग्रहित रहेगी। हास्पीटल प्रबंधन लॉकडाउन के पूर्व की भांति हास्पीटल का संचालन किया जाना सुनिश्चित करेंगे। जिनमें सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे ओपीडी, आईपीडी, एमरजेंसी, प्रसव सुविधा संचालित रहेगी। हास्पीटल में सेवा संचालन हेतु आवश्यक दवाईयां, इंजेक्शन, केटगार्ड व अन्य आवश्यक सामग्री भर्ती मरीजों की संख्या के आधार पर चिकित्सा विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। हास्पीटल परिसर व भवन को सेनेटाईज आयुक्त नगर परिषद्, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका झालरापाटन द्वारा किया जाएगा।  उक्त हास्पीटल के प्रबंधकों को आदेशित किया गया है कि उक्त कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही, उदासीनता व देरी नहीं की जाए। अन्यथा भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 269, 270 एवं राजस्थान महामारी अधिनियम 1957 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के सुसंगत विधिक प्रावधानों के अंतर्गत अभियोजित किया जा सकेगा।

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