भारतीय कंपनियों में निवेश करने के पहले चीन को सरकार से लेनी होगी इजाजत
- pradeep jain
- Apr 18, 2020
- 1 min read

HDFC लिमिटेड में चीन की हिस्सेदारी के बाद सरकार सख्त
राहुल गांधी ने विदेशी कंपनियों के निवेश पर उठाए थे सवाल
एशिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी चीन कोरोना वायरस के संकट में भी अपनी चाल चल रहा है. दरअसल, बीते दिनों चीन के केंद्रीय बैंक पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने हाउसिंग लोन देने वाली भारत की दिग्गज कंपनी HDFC लिमिटेड के 1.75 करोड़ शेयर खरीद लिए हैं. इस खबर के बाद अब केंद्र सरकार भारतीय कंपनियों को चीन से बचाने में जुट गई है. यही वजह है कि सरकार ने विदेशी निवेश को लेकर नियमों में बदलाव किया है. हालांकि, सरकार ने इन नियमों को बदलते हुए चीन का जिक्र नहीं किया है.
क्या हुआ है बदलाव
नए बदलाव के तहत अब भारत की सीमा से जुड़े किसी भी देश के नागरिक या कंपनी को निवेश से पहले सरकार की मंजूरी लेनी होगी. अब तक सिर्फ पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिकों/कंपनियों को ही मंजूरी की जरूरत होती थी. वहीं चीन जैसे पड़ोसी देशों के लिए इसकी जरूरत नहीं होती है. बता दें कि चीनी कंपनियों को इस तरह के कदम से रोकने के लिए कई अन्य देश पहले ही नियमों को कड़ा कर चुके हैं
राहुल गांधी ने उठाए थे सवाल
इस पूरे मामले के बाद मुख्य विपक्षी पार्टी के नेता राहुल गांधी ने सवाल उठाए थे. उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि देश में आर्थिक सुस्ती से भारतीय कॉरपारेट कंपनियां काफी कमजोर हुई हैं, इसी वजह से वे टेकओवर के लिए निशाना बन रही हैं. सरकार को इसकी इजाजत नहीं देनी चाहिए कि कोई विदेशी कंपनी इस संकट के दौर में किसी भारतीय कंपनी पर अधिकार हासिल करे.
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