मुस्लिम समाज ने माहे रमजान का रखा पहला रोजा
- anwar hassan

- Apr 26, 2020
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कोटा। इबादत का माह रमजान शनिवार से शुरू हो गया। शहर के मुस्लिम समाज के छोटे और बड़े तथा महिलाओं ने पहल ऱोजा रखा। अलसुबह चार बजे उठ कर सहरी की गई और उसके बाद नमाज घरों में ही पढी गई। लॉकडाउन के कारण पहली बार रमजान में घरों में ही रहकर नमाज अदा की जायेगी। इबादत के साथ तरावीह की नमाज भी घरों में अदा होगी। पहला रोजा 14 घंटे 37 मिनट का होगा, 24 मई को सबसे लंबा 15 घंटे 12 मिनट का रोजा होगा. वहीं, इससे पहले 2017 में 21 जून को 15 घंटे 26 मिनट का था. इसके साथ इस साल सभी रोजे 14 घंटे 15 मिनट से अधिक समय के होंगे। रोजा किसी भी चीज से खोला जा सकता है। खजूर आदि इस बार नहीं मिलेंगे, इसलिए खीर सहित मीठे कोई पकवान बनाए जा सकते हैं। इस साल रौनक मस्जिद और मोहल्लों के बजाय घरों में बनी हुई है। पांचों वक्त की नमाज अदा की जा रही है। मुस्लिम धर्म गुरूओं का कहना है कि किसी के बीमारी है तो वह बिना रोजा रखना छोड़ सकते है। हालांकि, गर्मी की वजह से कोई रोजा नहीं छोड़े। पांच वक्तों की नमाज के साथ तरावीह की नमाज घर में सोशल डिस्टेंस रखकर पढ़ी जाए। कुरान सुनना हो जाए तो बेहतर है, नहीं तो अलम तरा कैफा पढ़ ली जाए। इफ्तार और सहरी में जरूरतमंदों का भी ध्यान रखा जाए। सहरी का वक्त कीमती है. मस्जिदों से ऐलान करना मुनासिक नहीं है। घर में जो सामान उपलब्ध हो उससे रोजा खोलें. वहीं, जरूरतमंदों की ज्यादा से ज्यादा मदद करें।























































































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