top of page

रेलवे ने कमजोर बच्चे के लिए ऊंटनी का दूध राजस्थान से उड़ीसा पहुंंचाया


ree

अजमेर। लॉक डाउन के चलते स्थानीय स्तर पर कमजोर बच्चे को उपलब्ध नहीं हो पा रहे ऊंंटनी के दूध को रेलवे के अधिकारियों ने आपसी सामंजस्य से विभिन्न वाया मार्गों से होते हुए 57 घंटे में ओडिशा पहुंचाकर अपनी दक्षता व सामाजिक दायित्व का परिचय दिया है।  उत्तर पश्चिम रेलवे अजमेर मंडल के फालना स्टेशन से पार्सल एक्सप्रेस सेवा के माध्यम से ऊंटनी के दूध और दूध पाउडर की आपूूर्ति की गई। उड़ीसा के भुवनेश्वर में साढ़े तीन साल के ऑटिस्टिक बच्चे के चाचा चंदन कुमार आचार्य ने 16 अप्रैल को ट्वीट किया कि उन्हें अपने भतीजे के लिए ऊंटनी के दूध की जरूरत है। बताया कि "मेरे भतीजे को ऊंटनी के दूध की अत्यंत आवश्यकता है क्योंकि लॉक डाउन के कारण हमें इसे प्राप्त करना बहुत मुश्किल हो रहा है।  चंदन कुमार आचार्य को रेलवे द्वारा मुम्बई के एक बच्चे को भी इसी तरह ऊंंटनी का दूध उपलब्ध कराने की जानकारी मिली तो उन्होंने 18 अप्रैल को उनकी मदद करने के लिए आईआरपीएस अरुण बोथरा को संदेश भेजा। अरुण बोथरा ने आचार्य के अनुरोध को रेल अधिकारियों के आईआरटीएस के सेतु को भेज दिया। सेतु भारतीय रेलवे यातायात सेवा आईआरटीएस अधिकारियों की एक स्वैच्छिक पहल है, जिसमें 30 रेल अधिकारी हैं। इसका उद्देश्य लॉक डाउन के दौरान पूरे देश में प्रभावित आपूर्ति में किसी भी स्टेशन से किसी भी स्टेशन तक भारतीय रेलवे की पार्सल ट्रेनों के माध्यम से विशेष सामंजस्य द्वारा माल की आवाजाही की सुविधा प्रदान करना है।  सेतु टीम ने राजस्थान के फालना से भुवनेश्वर के लिए ऊंट के दूध और मिल्क पाउडर पार्सल के परिवहन का समन्वय किया। सेतु टीम ने इस संबंध में वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अजमेर महेश चंद जेवलिया से बात की । वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अजमेर ने पूर्ण सहयोग देने की बात कही। अजमेर मंडल के अधीन आने वाले फालना स्टेशन से ऊंंटनी का दूध भेजने हेतु मंडल रेल प्रबंधक अजमेर नवीन कुमार परसुरामका के निर्देश पर जेवलिया द्वारा ऊंट दूध विक्रेता से प्राप्त दूध के पार्सल को 21 अप्रेल को लोड करने में मदद की और भारतीय पार्सल एक्सप्रेस सेवा के माध्यम से 10 लीटर दूध और एक किलो ऊंट के दूध का पाउडर गुरुवार को भुवनेश्वर पहुंचाया। रेलवे अधिकारियों के समन्वित प्रयास के फलस्वरूप कोरोना संकट के समय एक ऑटिस्टिक बच्चे को ऊंटनी का दूध मिल सका, जिसे प्राप्त कर बच्चे के परिजनों के आंंसू छलक आये और इस काम में सहयोग के लिए रेलवे का आभार जताया।

Comments


  • WhatsApp-icon
  • Wix Facebook page
  • Wix Twitter page
  • Wix Google+ page
Copyright Information
© copyrights reserved to "dainik desh ki dharti"
bottom of page