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भारत -चीन संघर्ष, चीन की कंपनियों पर रोक


पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों की झड़प में भारतीय सेना के बीस जवान शहीद होने के बाद रेलवे ने चीनी व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। भारतीय रेलवे के साथ एक चीनी इंजीनियरिंग प्रमुख कंपनी एक महत्वपूर्ण टेंडर लगभग खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है। इधर दूरसंचार विभाग (DoT) ने राज्य के स्वामित्व वाली भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) को इसके अपग्रेडेशन में चीन निर्मित उपकरणों का उपयोग नहीं करने के लिए अवगत कराया है।पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों की झड़प में भारतीय सेना के बीस जवान शहीद होने के बाद रेलवे ने चीनी व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। भारतीय रेलवे के साथ एक चीनी इंजीनियरिंग प्रमुख कंपनी एक महत्वपूर्ण टेंडर लगभग खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है। इधर दूरसंचार विभाग (DoT) ने राज्य के स्वामित्व वाली भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) को इसके अपग्रेडेशन में चीन निर्मित उपकरणों का उपयोग नहीं करने के लिए अवगत कराया है।


दोनों क्षेत्रों के टॉप सूत्रों ने गुरुवार (18 जून, 2020) को इसकी जानकारी दी। दूरसंचार विभाग ने BSNL से अपनी 4जी सुविधाओं के अपग्रेडेशन में चीनी निर्मित उपकरणों का उपयोग नहीं करने के लिए कहा है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि पूरे टेंडर पर अब फिर से काम किया जाएगा।


मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि DoT निजी मोबाइल सेवा प्रदाताओं को चीन निर्मित उपकरणों पर निर्भरता कम करने के लिए सक्रिय रूप से विचार कर रहा था। मौजूदा हालात में चीनी उपकरणों से निर्मित नेटवर्क की सुरक्षा और सुरक्षा की जांच की जाएगी।


इसी तरह पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर में चाइना रेलवे सिग्नल एंड कम्युनिकेशन (सीआरएससी) कॉर्प के टेंडर को समाप्त करने के लिए मंजूरी दी जा रही है। सीआरएससी ने 2016 में 400 किलोमीटर से अधिक रेलवे लाइनों में सिग्नलिंग सिस्टम लगाने के लिए ठेका हासिल किया था। अधिकारी ने कहा कि मेगा प्रोजेक्ट में चीन की एकमात्र उपस्थिति है जिसमें रेलवे अब भारतीयों को शामिल करना चाहता है।

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