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छोटे कर्ज लेने वालों की एक माह में हालत हुई खस्ता


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नई दिल्ली।

लॉकडाउन की अवधि के बढ़ने के साथ ही देश में कर्जधारकों की हालत भी बिगड़ती जा रही है। मार्च के आखिरी सप्ताह से शुरू हुए लॉकडाउन के बाद अप्रैल के महीने में सिर्फ 30 फीसदी ऐसे छोटे उद्योगों से जुड़े कर्जधारक थे, जिन्होंने मोराटोरियम की सुविधा के लिए आवेदन किया था। लेकिन अब यह संख्या तेजी से बढ़ते हुए 70 फीसदी तक पहुंच गई है। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़े के मुताबिक माइक्रो लोन वाले महज 30 फीसदी ग्राहक ऐसे थे, जिन्होंने अप्रैल के पहले सप्ताह किस्तों में छूट की सुविधा के लिए आवेदन किया था। हालांकि इस बीच किसानों की ओर से ऐसी सुविधा के लिए आवेदन बहुत ज्यादा नहीं हैं। इसकी वजह इस साल गेहूं की फसल की अच्छी पैदावार होना है।

माइक्रोफाइनेंस इंजस्ट्री एसोसिएशन के मुताबिक एक ही महीने में लोन की किस्तों को स्थगित करने की सुविधा लेने वाले ग्राहकों की संख्या 70 से 75 फीसदी तक हो गई है। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से 27 मार्च को बैंकों को आदेश दिया गया था कि वे मार्च से मई तक तीन महीनों के लिए ग्राहकों को किस्तें न चुकाने की छूट दें।

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